रविवार, 30 नवंबर 2008

६० घंटे का रियलिटी शो

क्या कोई बताएगा की पिछले तीन दिनों में किस चैनल की टी आर पी क्या थीपूरा देश भले ही आतंकियों को कोस रहा हो, हमारे टी वी चैनल वालों को उनका शुक्रगुजार होना चाहिएआप सोच रहे होंगे ये यह क्या सब लिख रहा हैमगर गौर करिए पिछले दिनों परटी वी के न्यूज चैनलों पर लाइव रिपोर्टं के नाम पर हम जो देखते रहेमानो यह भी कोई मनोरंजन का प्रोग्राम होकिसी भी चैनल पर किसी हेल्पलाइन का नंबर नहीं, किसी घायल के बारे में , अस्पताल के बारे में कोई सूचना नहीपता चला घायलों की जरूरत के लिए रक्त की कमी पड़ गई थीपर इस सम्बन्ध में किसी चैनल पर कोई अपील नहींबस बार बार गोलियों की आवाज़, जलते हुए ताज की तस्वीरे और बिना रुके बकवास करते अधकचरे संवाददाताओं की उत्तेजनातिरेक भरी शक्लेंकिसी चैनल वाले को इतनी भी अक्ल नहीं थी की सोच सके की टी वी आतंकवादियों के बाहर बैठे साथी भी देखरहे होंगेआतंकवादियों के पास सेटलाईट फोन है और उन्हें अपने बाहर के साथियों से कमांडोज की पोजीशन और उनकी योजना और गतिविधि के बारे में सूचना मिल सकती हैनेताओं की (यद्यपि मुझे उनसे भी कोई सहानुभूति नहीं है) एक एक बात का छिद्रान्वेषण करने वाले इन महानुभावों की मूर्खता से आतंकियों को कितनी सहायता मिली और उससे सुरक्षाबलों को क्या नुकसान हुआ इस बात का कोई अनुमान सम्भव नहीं है। कहीं समाचार जैसी कोई चीज़ नहीं मानो क्रिकेट का आंखों देखा हाल सुन रहें हों। कितनी बार अलग अलग चैनल के संवाददाता सुरक्षाबलों के प्रवक्ताओं के मुंह में शब्द ठूंसते देखे गए और एकाध बार तो झिड़क भी दिए गए। कहीं किसी को कोई सूचना देने की कोशिश नहीं देखी गई जिससे अफवाह और उत्तेजना न फैले। और जैसे ही आतंकियों पर काबू पा लिया गया ये गिद्ध टूट पड़े विभिन्न शहीदों के अन्तिम संस्कार की ओर । इतने संवेदनशील और वेदनापूर्ण क्षणों में मूर्खतापूर्ण आलाप करते इन लोगों को देखना सुनना एक त्रासद अनुभव था। पता नहीं कब हमारा मीडिया जिम्मेदार होगा और टी आर पी से ऊपर उठेगा। निश्चय ही प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता का बहुत महत्त्व है किंतु यह महत्त्व देश और समाज के वृहत्तर हितों के कारण ही है। केवल स्वतंत्रता के लिए स्वतंत्रता का कोई औचित्य नहीं। मीडिया-मठाधीशों को स्वयं को नियंत्रित करने और निर्देशित करने के लिए एक कठोर आचार संहिता बनाने और उसका अनुपालन करने के बारे में सोचना चाहिए अपने और जनता के भले के लिए।